प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
आज के इस प्रतिस्पर्धी के युग में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना बहुत जरूरी हो गया है। प्रतियोगी परीक्षा तैयारी आज के समय मे सरकारी हो या प्राइवेट हर एक क्षेत्र मे नौकरी पाने के लिए जरूरी हो गई है। हर क्षेत्र मे नौकरी पाने के लिए विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम करना पढ़ता है।
प्रतियोगी परीक्षा कोई भी हो वह आपके नालेज का परीक्षण तो करती ही है इसके साथ-साथ वह आपकी मानसिक शक्ति, टाइम मेनेजमेंट की भी परीक्षा लेती है।
अगर व्यक्ति को सही दिशा मिल जाए ओर वह यह ठान ले की कोई भी लक्ष्य उसके साहस से बड़ा नहीं है तो वह कठिन परिश्रम से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
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प्रतियोगी परीक्षा क्या होती है?
प्रतियोगी परीक्षा का मुख्य उद्देश्य प्रतिभाशाली हुनर की पहचान करना तथा उनको एक ऐसा मंच प्रदान करना है जिससे की वह जिस भी क्षेत्र मे जाए उस क्षेत्र मे अपने हुनर का परिचय दे और यह प्रमाणित करे की वह उन सभी से बेहतर है जो की उन प्रतियोगी परीक्षा मे उनसे पीछे छूट गए।
प्रतियोगी परीक्षा वह इम्तिहान है जिसमे एक बड़ी संख्या मे प्रतिभागी हिस्सा लेते है तथा अपने ज्ञान ओर स्किल्स के बल पर अपनी प्रतिभा तथा हुनर का परिचय देते है। तथा अपने बेहतर भविष्य की उम्मीद लिए एक ऐसे रास्ते को चुनते है जहां से उनका तथा उनके परिवार का जीवन बेहतर हो।
प्रतियोगी परीक्षा के प्रकार
भारत में विभिन्न क्षेत्रों में प्रवेश पाने के लिए कई प्रतियोगी परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं: हमारे देश मे अलग – अलग क्षेत्रों मे करिअर बनाने के लिए अलग – अलग परीक्षा आयोजित की जाती है जिनमे से कुछ इस प्रकार है –
- UPSC (Union Public Service Commission):- संघ लोक सेवा आयोग यह भारत के सबसे उच्च पदों के लिए अभ्यर्थी को चयनित करता है। जैसे आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईएफ़एस आदि।
- PCS/PSC (Public Service Commission):- राज्य स्तर पर प्रशासनिक पदों की भर्ती के लिए राज्य परीक्षा आयोजित करता है जिससे डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार , नायाब तहसीलदार व अन्य पद की भर्ती की जाती है।
- SSC (Staff Selection Commission):- कर्मचारी चयन आयोग यह राष्ट्रीय स्तर पर CHSL,MTS,CGL आदि के माध्यम से अभ्यर्थी को चयनित करता है।
- RRB (Railway Recruitment Board):- रेलवे भर्ती बोर्ड भारतीय रेलवे मे NTPC,RRB GROUP WISE विभिन्न पदों पर भर्ती करता है।
- IBPS (Indian Banking Personnel Selection Board):- सरकारी बैंकों मे पीओ,क्लर्क या अन्य बैंक अफसरों की भर्ती के लिए तह बोर्ड परीक्षा आयोजित करता है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी :- महत्व
किसी भी क्षेत्र मे अपना करिअर बनाने के लिए आपको आपके आस पास के सेकड़ों – हजारों लोगों से प्रतियोगिया करनी पड़ेगी और यह भी सत्य है की इस प्रतिस्पर्धी दौर मे कोई किसी से कम नहीं है और न ही कोई प्रतिभागी किसी अन्य प्रतिभागी को अपने से कम आँकने की हिम्मत कर सकता है आप परीक्षा मे अपना सर्व श्रेष्ठ दे । इसलिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सही प्रतियोगी परीक्षा का चयन कैसे करें?
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का चयन करने से पहले यह तय करें कि आप किस क्षेत्र मे आपने आपको देखते हैं या यदि किसी क्षेत्र मे आपको मौका मिले तो आप अपनी प्रतिभा दिखा सके ? फिर आप तय करे की आपको किस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना है। जैसे UPSC, STATE PCS, RAILWAY, SSC, BANKING,POLICE ETC.
हर व्यक्ति अपनी एक रुचि और योग्यता होती है,जिसको ध्यान मे रखते हुए वह परीक्षा का चयन करता है-
- अपनी योग्यता और रुचि को समझें।
- परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड को ध्यान में रखें।
- परीक्षा के कठिनाई स्तर की जांच खुद से करें।
- नौकरी की संभावनाओं और करियर विशेष क्षेत्र को समझें।
सिलेबस और परीक्षा पैटर्न को समझें
परीक्षा कोई भी हो, हर परीक्षा का अपना एक सिलेबस और पैटर्न होता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू करने से पहले सिलेबस और परीक्षा के पैटर्न को समझें। अलग अलग परीक्षा का प्रारूप अलग अलग होता है:-
- प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)
- मुख्य परीक्षा (Mains)
- साक्षात्कार (Interview)
किसी परीक्षा मे प्रारम्भिक परीक्षा के बाद सीधे साक्षात्कार होता है तो किसी परीक्षा मे प्रारम्भिक परीक्षा के बाद जॉइनिंग हो जाती है।
विषयवार विभाजन
- सामान्य अध्ययन (General Studies)
- सामान्य ज्ञान (General Knowledge)
- गणित (Math’s)
- तार्किक क्षमता (Reasoning)
- अंग्रेज़ी और हिंदी भाषा का ज्ञान (English & Hindi)
- करंट अफेयर्स (Current Affairs)
पढ़ाई की सही योजना कैसे बनाएं?
- प्रतिदिन कम से काम 8-10 घंटे की पढ़ाई करें।
- पढ़ाई के दौरान बीच – बीच मे ब्रेक लेते रहे और रिवीजन करें।
- मासिक और साप्ताहिक अपने लक्ष्य बनाएं।
- जब आपको लगे की एक विषय पर आपका पूर्ण कंट्रोल हो गया है इसके बाद आप दूसरा विषय चालू करे।
- अपनी पढ़ाई का एक निश्चित टाइम टेबल तैयार करें। और उसे फॉलो करे।
- कठिन विषयों को अधिक से अधिक समय दें।
मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस सेट पर विशेष ध्यान दे।
- पढ़ाई के दौरान बीच – बीच मे मॉक टेस्ट जरूर दें।
- मॉक टेस्ट देने से आपको आत्मविश्वास मिलता है।
- पिछले कुछ वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें जिससे की आप परीक्षा के पैटर्न को समझ सके।
- मॉक टेस्ट के दौरान हो रही गलतियों पर विशेष ध्यान दे और उन्हे सुधारे।
करेंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज पर ध्यान दें
- करेंट अफेयर्स का सबसे अच्छा साधन है अखबार, रोज़ अख़बार पढ़ें।
- मासिक करेंट अफेयर्स, मैगज़ीन पढ़ें। जैसे विजन आईएएस, दृष्टि आईएएस आदि।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी:- अंतिम दिनों मे
सभी विषयों का रिवीजन करें:-
प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए रिवीजन एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अगर आपने पूरे साल अच्छी मेहनत से पढ़ाई की है, लेकिन आप परीक्षा से पहले ठीक तरीके से रिवीजन नहीं कर पाते है तो आपकी पूरी मेहनत बेकार है। रिवीजन करने से आपके द्वारा पढ़ा गया हर एक विषय नजरों के सामने घूमने लगता से जिससे की आप परीक्षा के समय तुरंत उत्तर लिख पाते है।
रिवीजन कैसे करें?
- सभी विषयों का टाइमटेबल बनाएं – सभी विषय का उचित टाइम निर्धारित करे जिससे की हर विषय को आसानी से कवर किया जा सके और सभी विषय की कमजोरियों को दूर किया जा सके।
- शॉर्ट नोट्स तैयार करें – पढ़ाई के दौरान शॉर्ट नोट्स बना लेना चाहिए जिससे की परीक्षा के समय आप कम समय मे पूरा सिलेबस कवर कर सके।
- समय-समय पर खुद का मूल्यांकन करें – रिवीजन के बाद खुद को टेस्ट करें और देखें कि कौन से टॉपिक्स पर मेहनत करने की जरूरत है।
- ग्रुप डिस्कशन करें – अपने साथियों के साथ पढे गए टोपिक्स को शेयर करे इससे आपको ज्यादा दिनों तक वह टोपिक्स याद रहते है।
रिवीजन के दौरान क्या न करें?
- सभी विषयों का टाइमटेबल बनाएं – सभी विषय का उचित टाइम निर्धारित करे जिससे की हर विषय को आसानी से कवर किया जा सके और सभी विषय की कमजोरियों को दूर किया जा सके।
- शॉर्ट नोट्स तैयार करें – पढ़ाई के दौरान शॉर्ट नोट्स बना लेना चाहिए जिससे की परीक्षा के समय आप कम समय मे पूरा सिलेबस कवर कर सके।
- समय-समय पर खुद का मूल्यांकन करें – रिवीजन के बाद खुद को टेस्ट करें और देखें कि कौन से टॉपिक्स पर मेहनत करने की जरूरत है।
- ग्रुप डिस्कशन करें – अपने साथियों के साथ पढे गए टोपिक्स को शेयर करे इससे आपको ज्यादा दिनों तक वह टोपिक्स याद रहते है।
परीक्षा हॉल में क्या करें और क्या न करें?
परीक्षा हॉल में क्या करें?
- समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंचें – परीक्षा हॉल में समय पर पहुंचें ताकि किसी भी तरह की जल्दबाजी या तनाव न हो।
- जरूरी परीक्षा सामग्री या दस्तावेज साथ रखें – एडमिट कार्ड, फोटो आईडी, पेन-पेंसिल आदि ताकि परीक्षा के समय कोई परेशानी न हो।
- प्रश्नपत्र को ध्यान से पढ़ें – परीक्षा शुरू होते ही सबसे पहले पूरे प्रश्नपत्र को अच्छे से पढ़ें, ताकि यह समझ सकें कि किन प्रश्नों पर ज्यादा ध्यान देना है।
- समय का ध्यान रखे – प्रश्न पत्र मे जो सरल प्रश्न हैं और जो आपसे आते है उन्हे पहले हल करे इससे तनाव कम होता है।
- प्रश्न को अच्छे से समझकर उत्तर दें- जल्दबाजी में प्रश्न को गलत समझकर उत्तर न दें। पहले प्रश्न को ध्यान से पढ़ें, फिर उत्तर दें।
- अगर उत्तर न आए तो आगे बढ़ें – किसी एक प्रश्न पर ज्यादा समय न लगाएं। अगर उत्तर न आ रहा हो, तो अगले प्रश्न को हल करे तथा बाद मे जो प्रश्न छूट गए है उन को हल करे।
परीक्षा हॉल में क्या न करें?
- लेट पहुंचने की गलती न करें – अगर आप देरी से पहुंचते हैं, तो परीक्षा से पहले ही घबराहट बढ़ सकती है और ध्यान भटक सकता है।
- बिना पढ़े उत्तर न लिखें – कई बार विद्यार्थी घबराहट में बिना प्रश्न को पूरा पढ़े उत्तर देना शुरू कर देते हैं, जिससे गलत उत्तर लिखने की संभावना होती है।
- OMR शीट या उत्तर पुस्तिका में गलतियां न करें – उत्तर पुस्तिका में ओवरराइटिंग, कटिंग या OMR शीट में गलत तरीके से गोले भरने से अंक कट सकते हैं।
- जल्दी में उत्तर न लिखें – परीक्षा के अंतिम समय में जल्दबाजी में उत्तर न लिखें, क्योंकि इससे गलतियां हो सकती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
यह आपकी परीक्षा के प्रकार और आपकी तैयारी पर निर्भर करता है। आमतौर पर 6 महीने से 1 साल का समय लगता है।
हां, यदि आप सही संसाधनों का उपयोग नियमित करते हैं।
योग, ध्यान और सही योजना बनाकर तनाव को कम किया जा सकता है।
हां, मॉक टेस्ट से आपकी तैयारी बेहतर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।