
शेयर बाजार में गिरावट (Share market me girawat): कारण, गिरावट में अवसर और निवेशकों के लिए सुझाव ! निवेशक हड़बड़ाहट में शेयर बेच कर मार्किट से निकल रहे हैं, यही कारण हैं कि शेयर बाजार लगातार गिर रहा हैं शेयर बाजार में जारी गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले पांच महीनों में सेंसेक्स 15% और निफ्टी 13% तक गिर चुके हैं, जिससे निवेशकों की संपत्ति में लगभग ₹85-90 लाख करोड़ की गिरावट आई है। share Share market me jari girawat ke kayi karan ho sakte hain!
शेयर बाजार में जारी गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ में वृद्धि करना, विदेशी निवेशकों का भारतीय बाज़ार से निकल कर, चीनी बाज़ार में निवेश करना आदि शामिल हैं। आने वाले दिनों में, और भी नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं, तो बाजार में और भी गिरावट होना संभव है। लेकिन जो निवेशक लंबे समय के लिए निवेश की रणनीति अपना रहा हैं यह समय उसके लिए वरदान भी साबित हो सकता है । निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, बाजार की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए ।
इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बयानों के बाद वैश्विक बाजारों में आई नकारात्मक खबर है। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने भी बाजार पर दबाव डाला है। जिससे विशेष रूप से आईटी, बैंकिंग, ऑटो और सेक्टर में तेजी से गिरावट देखी गई है।
निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है। बाजार में उतार-चढ़ाव का आना स्वाभाविक हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है जिन निवेशकों ने लम्बे समय के लिए निवेश किया है वह निवेशक धीरज वर्ते और बाजार पर नजर बनाये रखें ।
शेयर बाजार में गिरावट के इस दौर में निवेशकों को घबराने के बजाय समझदारी से कदम उठाने की जरूरत है। इतिहास गवाह है कि बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन लंबी अवधि में मजबूत कंपनियों के शेयर अच्छा रिटर्न देते हैं।
शेयर बाजार में गिरावट के मुख्य कारण:
शेयर बाजार में गिरावट क्यों होती है?
- वैश्विक आर्थिक स्थिति – अमेरिका में ब्याज दरों से जुड़े फेडरल रिजर्व के संकेतों ने निवेशकों में चिंता बढ़ा दिया है।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली – एफआईआई (Foreign Institutional Investors) भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं, चीनी बाज़ार में निवेश बढ़ रहा है।
- डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी – जब रुपया कमजोर होता है, तो विदेशी निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है, जिससे वे बिकवाली तेज कर देते हैं। जब विदेशी निवेशक (FIIs) भारी मात्रा में भारतीय बाजार से पैसे निकालते हैं, तो शेयर बाजार में गिरावट आती है।
- मुद्रास्फीति और ब्याज दरें – महंगाई के बढ़ने और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका ने बाजार पर असर डाला है।
- मंदी अर्थव्यवस्था – जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी होती है, तो कंपनियों के मुनाफे में कमी आती है, जिससे शेयर बाजार गिरता है।
गिरावट के प्रभाव ?
- निवेशकों के पोर्टफोलियो पर असर – शेयरों की कीमतें गिरने से निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
- नए निवेशकों में घबराहट – नए निवेशक घबरा सकते हैं और घाटे में शेयर बेच सकते हैं।
- बाजार में अस्थिरता – गिरावट के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ जाता है।
- कंपनियों के मार्केट कैप पर प्रभाव – बड़ी कंपनियों की वैल्यूएशन कम हो सकती है, जिससे उनकी बाजार हिस्सेदारी प्रभावित होती है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- घबराएं नहीं, धैर्य रखें – शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है, घबराहट में कोई निर्णय न लें।
- लंबी अवधि का दृष्टिकोण रखें – अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें और बाजार की गिरावट को अवसर के रूप में देखें।
- डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाए रखें – केवल एक सेक्टर पर निर्भर न रहें, विविधता लाने से जोखिम कम होता है।
- स्टॉप लॉस का उपयोग करें – अगर आप ट्रेडिंग कर रहे हैं तो नुकसान को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस लगाएं।
- संभावित अवसरों की तलाश करें – अच्छी कंपनियों के शेयर डिस्काउंट पर मिल सकते हैं, जो दीर्घकालिक निवेश के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
- निवेश से पहले हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
शेयर बाजार की गिरावट निवेशकों के लिए एक चुनौती हो सकती है, लेकिन सही रणनीति अपनाकर इससे बचा जा सकता है। धैर्य, समझदारी और सही निवेश रणनीति से आप गिरते बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।
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अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- लंबी अवधि का नजरिया अपनाएं – यदि आपने अच्छी कंपनियों में निवेश किया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
- सही स्टॉक्स चुनें – गिरावट के समय फंडामेंटली मजबूत कंपनियों के स्टॉक्स खरीदने का अच्छा अवसर हो सकता है।
- सही रणनीति बनाएं – SIP जैसी योजनाओं के जरिए धीरे-धीरे निवेश करें ताकि जोखिम कम हो।
- मार्केट कि रिसर्च करें – बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें और बिना सोचे-समझे कोई भी फैसला न लें।
गिरावट में अवसर
- गिरावट में खरीदारी का मौका – जब बाजार गिरता है, तो कई अच्छी और मजबूत कंपनियों के शेयर भी सस्ते हो जाते हैं। इस समय आपको उन कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए, जिनके बिज़नेस मॉडल मजबूत हैं, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है, और जिनका भविष्य उज्ज्वल दिखता है।
- सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) जारी रखें – अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो गिरावट के दौरान SIP बंद करने की गलती न करें। कम कीमत पर ज्यादा यूनिट खरीदने का यह बेहतरीन मौका होता है। लंबी अवधि में यह रणनीति आपके रिटर्न को बढ़ा सकती है।
- पैनिक सेलिंग (घबराहट में बेचने) से बचें – बाजार में गिरावट के दौरान कई निवेशक डर के कारण अपने शेयर बेचने लगते हैं, जिससे वे भारी नुकसान उठा सकते हैं। अगर आपकी निवेश रणनीति मजबूत है और आपने अच्छी कंपनियों में निवेश किया है, तो धैर्य बनाए रखें और अनावश्यक बिक्री से बचें।
- स्टॉप-लॉस और टारगेट प्राइस सेट करें – अगर आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग करते हैं, तो स्टॉप-लॉस लगाना न भूलें। इससे आपका नुकसान सीमित रहेगा और आप भावनाओं में बहकर गलत फैसले लेने से बचेंगे। इसी तरह, अपने लक्ष्य मूल्य (Target Price) भी तय करें, ताकि मुनाफा मिलते ही आप समय पर बाहर निकल सकें।
- दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं – बाजार की अस्थिरता के बावजूद, इतिहास बताता है कि लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न मिलते हैं।
- धैर्य रखने वाले निवेशक – ये निवेशक बाजार को समझते हैं और सही समय पर अच्छे स्टॉक्स में निवेश करने का मौका तलाशते हैं।
- इमोशनल होकर फैसले न लें – बाजार के उतार-चढ़ाव को समझना जरूरी है, घबराकर बिकवाली करना सही रणनीति नहीं है।
- मार्केट को समझें – शेयर बाजार हमेशा ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशक हमेशा फायदे में रहते हैं।
- क्वालिटी युक्त स्टॉक्स पर ध्यान दें – बाजार में गिरावट के दौरान मजबूत कंपनियों के स्टॉक्स कम कीमत पर मिल सकते हैं।
पोर्टफोलियो में गिरावट ?
गिरावट के बाद उभरने वाले सेक्टरों की पहचान करना बहुत जरूरी है। कुछ ऐसे सेक्टर जो अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं
अगर आपके पोर्टफोलियो में गिरावट आई है, तो यह करने की जरूरत है।
- अपने निवेश की समीक्षा करें – कौन से स्टॉक्स गिरावट में भी मजबूत बने हुए हैं, उन्हें होल्ड करें।
- लॉस बुक करने से बचें – जब तक आपको तुरंत पैसों की जरूरत न हो, तब तक नुकसान में शेयर में बिकवाली करने से बचें।
- अच्छे स्टॉक्स में निवेश बढ़ाएं – बाजार की गिरावट के दौरान अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स सस्ते में मिल सकते हैं।
- फार्मा सेक्टर – हेल्थकेयर और दवाइयों की मांग हमेशा बनी रहती है।
- आईटी सेक्टर – डिजिटलाइजेशन के दौर में आईटी कंपनियां दीर्घकालिक दृष्टि से मजबूत हैं।
- बैंकिंग और फाइनेंस – अर्थव्यवस्था सुधारते ही बैंकिंग सेक्टर में उछाल देखने को मिलता है।
- एफएमसीजी सेक्टर – उपभोक्ता वस्तुओं की मांग हर समय बनी रहती है, जिससे ये सेक्टर स्थिर रहता है।
बाजार की गिरावट को अवसर में कैसे बदलें?
शेयर बाजार में गिरावट हमेशा नुकसान का संकेत नहीं होती, बल्कि यह समझदार निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर भी हो सकता है। अगर आप बाजार की चाल को सही तरीके से समझते हैं, तो गिरावट के दौरान भी मुनाफा कमा सकते हैं।
क्या करें और क्या न करें?
✔ क्या करें
✅ बाजार की गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देखें।
✅ अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों के शेयरों पर ध्यान दें।
✅ अपनी निवेश रणनीति पर भरोसा रखें और घबराहट में फैसले न लें।
✅ जोखिम को कम करने के लिए डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाएं।
✅ एक्सपर्ट्स की राय लें और बाजार की खबरों पर नजर रखें।
❌ क्या न करें
❌ केवल अफवाहों या भीड़ के प्रभाव में आकर निवेश न करें।
❌ बाजार की गिरावट के दौरान घबराहट में अपने शेयर न बेचें।
❌ बिना रिसर्च किए खराब गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश न करें।
❌ अपनी पूरी पूंजी एक ही सेक्टर में न लगाएं।
❌ शॉर्ट टर्म में तगड़ा मुनाफा कमाने के चक्कर में बिना सोचे-समझे ट्रेडिंग न करें।
निवेश करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
✅ बाजार की चाल को समझें – बाजार में गिरावट का कारण जानें और तदनुसार रणनीति बनाएं।
✅ निवेश से पहले रिसर्च करें – बिना रिसर्च किए किसी भी स्टॉक में पैसा न लगाएं।
✅ इमोशनल डिसीजन से बचें – डर या लालच में आकर फैसले न लें।
✅ सिर्फ कर्ज लेकर निवेश न करें – लोन लेकर निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
निष्कर्ष
शेयर बाजार में गिरावट एक अस्थायी स्थिति होती है। यह घबराने का नहीं, बल्कि अवसर तलाशने का समय है। जो निवेशक धैर्य रखते हैं और सही रणनीति अपनाते हैं, वे भविष्य में अच्छे रिटर्न कमा सकते हैं।
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